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कृषि विभाग ने खरीफ फसलों में कीट एवं रोगों से बचाव के बताए उपाय*

केकड़ी ,25 जुलाई(पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)। कृषि विभाग के सहायक निदेशक कृषि विस्तार श्री रामनिवास जांगिड़ ने बताया कि समय पर अच्छी वर्षा होने के कारण जिले के कृषकों द्वारा 1लाख 58 हजार हैक्टर की तुलना में 2 लाख हैक्टर से अधिक क्षेत्र में बुवाई की हैं। इसमें ज्वार 75 हजार 671, बाजरा 18 हजार, मूंग 54 हजार 250, उड़द 25 हजार 688 हैक्टर क्षेत्र में एवं अन्य फसलें कपास, मक्का, ग्वार आदि की बुवाई की गयी हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में मानसून में नमी की अधिकता के चलते खरीफ फसलों में कीट रोग का प्रकोप बढ़ सकता है।इसके लिए कृषकों को सलाह दी जाती है कि अच्छी उपज के लिए कीट रोग बचाव उपायों का प्रयोग करें ।
उन्होंने बताया कि फड़का कीट खरीफ फसलों के लिए बहुत हानिकारक है। यह हरी पत्तियों को अपना भोजन बनाता है। इससे पौधा सूख जाता है। इसकी रोकथाम के लिए क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से भुरकें अथवा साइपरमैथ्रिन एवं क्लोरोपायरीफॉस 20 ई. सी. 1 लीटर प्रति हैक्टेयर पानी का घोल बनाकर छिड़काव करें।
इसी प्रकार कातरा कीट पत्तियों को चट् कर जाता है एवं काफी नुकसान पहुंचाता है। इसके वयस्क कीट को प्रकाश की ओर आकर्षित करने के लिए खेत की मेड़ों पर व खेत में गैस लालटेन या बिजली के बल्ब जलाएँ, नीचें मिट्टी के तेल में पानी की परात रखें ताकि रौशनी पर आकर्षित होकर पतंगें पानी में गिरकर नष्ट हो सकें। अण्डे से निकली लट्टों की प्रथम व द्वितीय अवस्था के प्रभावी नियंत्रण के लिए क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकें।
उन्होंने बताया कि तना छेदक कीट पौधे के तने को अन्दर से खा जाता है तना काफी कमजोर जो जाता है। इसके नियंत्रण के लिए मोनोक्रोटोफॉस या क्यूनालफॉस एक हजार एमएल प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
सहायक निदेशक कृषि विस्तार श्री रामनिवास जांगिड़ ने कृषकों को सलाह दी कि खरीफ फसलें यथा-ज्वार, बाजरा, मूंग, उड़द, तिल, आदि की समय पर निराई-गुडाई करें ताकि भूमि में उपलब्ध पोषक तत्व फसल उत्पादन के लिए उपयोग में आ सके एवं कीट प्रकोप से भी कुछ राहत मिल सके। फसलों में खरपतवार अधिक होने से पोषक तत्वों का हास होता है। निराई-गुड़ाई से फसलों को बढ़वार हेतु भी पर्याप्त जगह मिलती है। इसके लिए कृषकों को सलाह दी जाती कि समय पर निराई-गुड़ाई करें।

Public bolegi News Network
Author: Public bolegi News Network

PK Rathi-Journalist

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