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*दूदू कलेक्टर  ढाका* *एपीओ, एसीबी करेगी पूंछताछ*गिरफ्तारी की संभावना

*रिश्वत मांगने के मामले  में हो सकती है गिरफ्तारी*
*कन्वर्जन और पेंडिंग फाइलें ACB ने की जब्त।*

अजमेर 28 अप्रैल(पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)एसीबी ने दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी
हंसराज की संपत्ति, बैंक खाते और लॉकरों की जांच शुरू
कर दी है। साथ ही दूदू तहसील में जमीनों के कन्वर्जन से
संबंधित फाइलों की भी जांच एसओजी ने शुरू कर दी है।
पिछले 3 महीने में हुए कन्वर्जन की सभी फाइलों को एसीबी
जब्त कर एसीबी मुख्यालय लेकर आ गई हैं।
जयपुर एसीबी की टीम शनिवार भी दूदू तहसील पहुंची और
वहां पर कल बंद मिले एक कमरे को खुलवाया और उसकी
फाइलों की जांच शुरू कर दी हैं। एसीबी ने पेंडिंग फाइलों
की भी एक लिस्ट बना ली है। पेंडिंग फाइलों के पीछे के
कारणों पर भी एसीबी काम करने वाली है। वहीं एसीबी के
एक्शन के बाद कार्मिक विभाग ने देर रात एक आदेश जारी
कर आईएएस हनुमान मल ढाका एपीओ कर दिया है।
कलेक्टर हनुमान मल ढाका, पटवारी से होगी पूछताछ
एसीबी आज कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी को
एसीबी मुख्यालय बुलाकर पूछताछ कर सकती है। एसीबी
ने शुक्रवार और शनिवार को कई फाइलों पर काम किया,
जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। दूदू जिला बनने के
बाद से कई कनवर्जन जिला कलेक्टर की ओर से किए गए।
इन कन्वर्जन के आधार पर कई आपत्तियां पहले से लगी हुई
मिली हैं। ऐसे में कनवर्जन कैसे हुआ इस पर हनुमान मल
ढाका सहित जिले के अधिकारियों से भी पूछताछ होगी।
एसीबी के पास जो सबूत उस आधार पर हो सकती है
गिरफ्तारी।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास वह सभी
सबूत है, जिसके आधार पर एसीबी कलेक्टर और पटवारी
को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन अभी एसीबी केवल जांच
पर काम कर रही है। शुक्रवार को एफआईआर दर्ज होने के बाद
एडिशनल एसपी एसीबी सुरेन्द्र सिंह को जांच दी गई
है। टीएलओ की ओर से की गई जांच और जुटाए गए सबूतों
पर परीक्षण एसीबी ने पूरा कर लिया हैं। इसी के आधार पर
एसीबी ने ट्रैप को कंडक्ट किया था।
एसीबी प्रयास करती तो हो सकता था रेड हैंडेड ट्रैप
शिकायतकर्ता के पास पैसा नहीं था तो एसीबी डमी पैसा
या रिवॉल्विंग फंड से पैसा लेकर इस ट्रैप को रेड हैंडेड कर
मौके से ही दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी कर सकती थी।
लेकिन जांच अधिकारी सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि
शिकायतकर्ता ने बताया कि उस पर दोनों अधिकारियों को
शक हो गया है और उसके पास कैश पैसा भी नहीं था। अगर
शिकायतकर्ता को डाक बंगले बुलाया गया है तो एक बार
एसीबी को डमी नोट भिजवाने का प्रयास करना चाहिए था।
आरोपी अगर पैसा नहीं लेता तो केस बाद में भी बनाया जा
सकता था।
गौरतलब है कि परिवादी की दूदू स्थित फर्म की 204 बीघा
जमीन है। जमीन के खसरे तालाब – पाल में आ रहे थे,
जिसके चलते उसने कन्वर्जन की शिकायत कलेक्टर से की
थी। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के एवज में कलेक्टर
हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज ने 25 लाख रुपए
की घूस मांगी थी, जो बाद 15 लाख में तय हुई। इसी बीच
पीड़ित ने एसीबी में शिकायत कर दी। परिवादी को 7 लाख
पीड़ित ने एसीबी में शिकायत कर दी। परिवादी को 7 लाख 50 हजार रुपये की घूस लेकर गेस्ट हाउस आने
50 हजार रुपए की घूस लेकर गेस्ट हाउस आने की बात रिकॉर्डर में है।

Public bolegi News Network
Author: Public bolegi News Network

PK Rathi-Journalist

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