“”नौतपा 2024 पृथ्वी पर बरसेगी आग( 25 मई से 2 जून तक) तो भारतीय आयुर्वेद व जीवन शैली को अपनाये। “”
ग्रीष्म काल में नौ तपा वह समय होता है, जब गर्मी अपने चरम पर होती है, इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है ,जिससे सूर्य की सीधी किरणें धरती पर पड़ती है और 9 दिन तक सूर्य देव आग ही बिखेरता है ।ज्योतिष का यह मानना है कि 9 दिन तक सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है, लेकिन विज्ञान इसे नहीं मानता। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग राजस्थान के अजमेर संयुक्त जिला समन्वयक बृजराज शर्मा( सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य) ने नौतपा के बारे में इस प्रकार से बता रहे हैं– कि सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर गिरने से सूर्य की गर्मी पृथ्वी पर चरम सीमा पर बढ़ जाती है ।मौसम बदलता रहता है ,लेकिन ताप की तपिस बढ़ती है साथ ही वायुमंडल में हवा की गति कम हो जाने से ताप और बढ़ जाता है जो गर्मी के प्रभाव को बढ़ा देता है।
“”सावधानियां “”–नौ तपा में अति आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले दिन में 11:00 बजे से 4:00 बजे तक बिना कारण घर से बाहर ना आए। घर से बाहर निकलते समय सिर को ढक कर रखें, सनस्क्रीन का उपयोग करें। पानी का ,तरल द्रव का अत्यधिक उपयोग करें ।जल युक्त फलों का उपयोग करें। हल्के सूती ढीले कपड़े पहने जो सफेद रंग के हो या हल्के रंगीन हो ।गहरे रंग के कपड़े नहीं पहने । हल्का व्यायाम प्रतिदिन करें ।लू व तीखी गर्मी में अत्यधिक श्रम के कार्य से बचें ।मसालेदार व तली-भूनी चीजों का सेवन न करें , यह शरीर की गर्मी बढ़ाएंगे और पेट में समस्या उत्पन्न करेंगी। चाय ,कॉफी, गरम सूप, शरीर के तापमान को बढ़ा देते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक है। साथ ही शराब एवं कैफीन युक्त पेय काफी तथा एनर्जी युक्त ड्रिंक्स शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं ,गर्मी बढ़ाते हैं ।भारी व धीरे पचने वाला भोजन भी ना करें। जैसे- उड़द की दाल, बेसन, मैदा से बने खाद्य पदार्थ, मीट आदि का सेवन न करें
“”नौ तपा में क्या करें “”–शरीर को ठंड देने वाले ठंडे पेय पदार्थो का सेवन करें। जैसे- छाछ मठ्ठा का उपयोग अधिक करें, यह पाचन को बढ़ाता है, शरीर को ठंडक प्रदान करता है । छाछ में काला नमक भुना हुआ जीरा पुदीना के पत्ते मिलाकर पीने से ज्यादा फायदेमंद हो जाता है। इसी प्रकार नारियल पानी तो प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स है शरीर के हाइड्रेट्स को संतुलित रखकर डिहाइड्रेट से बचाता है। शरीर में ऊर्जा बढ़ता है, साथ ही कच्चे बेल (बीला ) का शरबत भी शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है, व ठंडक प्रदान करता है यह शरीर की पाचन को सुधार कर पेट की समस्या का समाधान करता है ।इसी प्रकार खस खस की जड़ों से बना शरबत भी ठंडक प्रदान करता है, शरीर में ताजगी लाता है । गर्मी में हल्का सुपाच्य भोजन ही करना चाहिए ,जो शीघ्र पाच्य हो पाचन तंत्र स्वस्थ रहेगा, शरीर को पोषण मिलेगा । इसी प्रकार गर्मी में ताजी सब्जियां -सलाद जैसे- टमाटर, ककडी, प्याज आदि का खूब सेवन करना चाहिए। इनसे विटामिन्स व मिनरल की शरीर में पूर्ति होती है । ताजा मौसमी फलों में -तरबूज मतीरा, खरबूजा, आम मौसमी ,आदि का खूब सेवन करें। गुलाब की पत्तियों से बना गुलकंद का सेवन रोजाना करें यह मस्तिष्क को शांत व ठंडा रखता है ,शरीर में ऊर्जा प्रदान करता है ।इसी प्रकार घर पर बनाई गई ठंडाई –ठंडाई में धनिया, तरबूज के बीज ,बादाम ,खसखस, सौंप, थोड़ी काली मिर्च, 5-7 हरी इलायची, थोड़ा गुलकंद या गुलाब की पत्तियां 1 लीटर दूध में मिलकर इनका मिश्रण बनाकर धागे वाली मिश्री मिलाकर ठंडाई बनाकर परिवार का हर सदस्य उपयोग में लें ,यह शरीर के लिए ठंडक और मस्तिष्क को शांत व ताजगी प्रदान करती है। कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपाय- कच्ची केरी का पानक जिसे पणा कहते हैं या झोल्या भी कहते हैं बनाकर उपयोग में ले, इससे लोग लू बचाव के लिए उपयोगी मानते हैं। इमली का झोल्या या पानक भी उपयोग में लेने से लू से बचते हैं ।और शरीर में ठंडक पैदा होती है। लू लग जाने पर एक बाल्टी पानी में 50 ग्राम पलाश पुष्प डालकर दोपहर धूप में रख दें, शाम को उसी पानी से स्नान करने पर लू का प्रभाव खत्म हो जाता है।
गर्मी के दिनों में एवं नौ तपा के दिनों में इन उपायों से शरीर का गर्मी से बचाव किया जा सकता है । अतः सावधानी रक्षा करती है ??कृपया सावधान रहे, शरीर व स्वास्थ्य का पूर्ण ध्यान रखें ।धन्यवाद।🙏🌹🙏
Author: Public bolegi News Network
PK Rathi-Journalist