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केकड़ी के अति प्राचीन श्री चारभुजा नाथ के दरबार से व्यास पीठ से घोषणा : 1 नवंबर को ही दीपावली शास्त्र सम्मत

कथा व्यास पंडित मुरलीधर दाधीच ने किया स्पष्ट*

**अनूठा संयोग : 1 नवंबर को दीपावली पर शुक्रवार और स्वाति नक्षत्र पर्व के लिए विशेष*

*धनतेरस के साथ होगा महापर्व का आरंभ, 1 नवंबर को दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन*

*केकड़ी  28 अक्टूबर(पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)*

*दीपावली पर माता महालक्ष्मी पूजन को लेकर केकड़ी की जन-जन की आस्था के प्रमुख केंद्र पुरानी केकड़ी स्थित भगवान श्री चारभुजा नाथ के दरबार की व्यास पीठ द्वारा भी घोषणा कर दी गई है कि 1 नवंबर को ही दीपावली एवं माता महालक्ष्मी का पूजन शास्त्र सम्मत है। व्यासपीठ के कथा व्यास एवं ज्योतिषाचार्य नगर पंडित मुरलीधर दाधीच का कहना है कि इस बार खास बात यह है कि 1 नवंबर को दीपावली पूजन वाले दिन शुक्रवार है जो कि माता महालक्ष्मी की आराधना के लिए विशेष फलदाई माना जाता है। वहीं इस दिन स्वाति नक्षत्र भी है। यह दो अद्भुत संयोग दीपावली पूजन के दिन ही प्राप्त हो रहे हैं। जो कि  विशेष प्रशंसा वाले हैं। अद्भुत संयोग सुख-शांति और समृद्धि के प्रतीक हैं।*
*दीपावली पर माता महालक्ष्मी के पूजन की तिथि को लेकर किसी तरह की कोई भ्रमपूर्ण स्थिति नहीं है, यह 1 नवंबर को ही सुनिश्चित है। 1 नवंबर को प्रदोष व्यापिनी अमावस्या शास्त्र सम्मत एवं माता महालक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ है। 1 नवंबर को दीपावली पूजन किए जाने को लेकर निर्णय हो चुका है और यह निर्णय पंचांग एवं शास्त्र के आधार पर है। जिसे किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है। अमावस्या दो दिन है। लेकिन 1 नवंबर को यही अमावस्या माता महालक्ष्मी पूजन के लिए शास्त्र सम्मत है। शास्त्रों और पंचांग में यह तथ्य प्रमुखता स्पष्ट किया गया है कि यदि 2 दिन अमावस्या हो और दूसरे दिन प्रदोष काल में भी हो तो वही अमावस्या माता महालक्ष्मी के पूजन के लिए शास्त्र सम्मत है। इस बात का ध्यान रखते हुए दीपावली 1 नवंबर को ही दिवाली मनाई जाएगी। पूरे दिन और रात्रि में भी माता महालक्ष्मी के पूजन के मुहूर्त हैं।*

*पंचांग में भी उल्लेख : शंकराचार्य का निर्णय*

*कथा व्यास पंडित मुरलीधर दाधीच ने बताया कि इस वर्ष 1 नवंबर को दीपावली पूजन किए जाने को लेकर प्रतिष्ठित पंडित बंशीधर ज्योतिष पंचांग में भी विशेष उल्लेख किया गया है। जिसमें बताया गया है कि श्री कांचीकामकोटि के जगतगुरुश्री शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती महाराज के सानिध्य में 10 व 11 अगस्त 2023 को वाराणसी में आयोजित सभा में पंचांगकर्ताओं ने सर्वसम्मति से इस संबंध में निर्णय लिया। 1 नवंबर को ही दीपावली मनाया जाना गत वर्ष ही पंचांग में तथ्य और शास्त्र सम्मत बिंदुओं के आधार पर सुनिश्चित किया गया है। इसी दिन पितृकार्ये अमावस्या है, अतः प्रातः पितृ देवता का पूजन करने के बाद श्रीमहालक्ष्मीजी का पूजन करें। यदि दीपावली एक दिन पूर्व मान्य की जाए तो देव पूजन, पार्वण श्राद्ध आदि महालक्ष्मी पूजन के बाद होगें जोकि विपरीत हो जायेगा, अतः दीपावली पर्व 1 नवंबर को ही शास्त्रोक्त मान्य है।*

*29अक्टूबर को धनतेरस के साथ 6 दिवसीय महापर्व आरंभ*

*29 अक्टूबर : मंगलवार को धनतेरस- सायंकाल यम-दीपदान, भौम प्रदोष*

*30 अक्टूबर : बुधवार को मासिक शिवरात्रि*

*31 अक्टूबर : गुरुवार को नरक एवं रूप चतुर्दशी*

*1 नवम्बर : शुक्रवार को दीपावली, श्रीमहालक्ष्मी पूजन*

*2 नवम्बर : शनिवार को अन्नकूट, गोवर्धन पूजा*

*3 नवम्बर : रविवार को भाई-दूज*

Public bolegi News Network
Author: Public bolegi News Network

PK Rathi-Journalist

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