केकड़ी 16 सितंबर (पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)भारत की संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से आहूत किया गया है।जिस पर कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने प्रधान मंत्री मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र के एजेंडे को सार्वजनिक करने की मांग की थी और अपनी तरफ से कुछ मुद्दे लिखे थे जिन पर संसद में चर्चा करवाये जाने की मांग की गई थी।गौर तलब है कि सोनिया गांधी द्वारा उठाये गए सभी मुद्दों/बिंदुओं पर संसद के मानसून सत्र पर चर्चा हो चुकी है।मोदी जी को जो पत्र सोनिया गांधी द्वारा लिखा गया था उसका जवाब संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा दिया गया और लिखा गया था कि आपके द्वारा उठाये गए सभी मुद्दों /बिंदुओं पर मानसून सत्र में चर्चा हो चुकी है और विशेष सत्र का एजेंडा उचित वक्त पर सरकार द्वारा जारी किया जाएगा यही अब तक कि संसदीय परंपरा रही है और सरकार का अधिकार भी है अतः संसदीय परंपराओं को नजर अंदाज करना किसी भी दशा में आपको शोभा नही देता।आपके पत्र से ऐसा प्रतीत होता है कि आप संसदीय नियमो और परंपराओं से पूरी तरह से अनभिज्ञ है।
जोशी के उक्त पत्र के बाद सोनिया गांधी की देश भर में काफी किरकिरी हुई थी।
अब सरकार द्वारा विशेष सत्र का एजेंडा जारी कर दिया गया है परंतु विपक्ष का रुदन है कि रुकने का नाम ही नही ले रहा।I. N. D. I. A में सिमटे विपक्ष का कहना है कि जारी एजेंडा एक छलावा है मोदी का बोम्ब तो आखिरी मिनिट में ही फूटेगा जिसकी जानकारी केवल मोदी जी को है।
जारी किया गया एजेंडा इस प्रकार से है-
संसद का विशेष सत्र
आजादी के अमृत महोत्सव पर एक विशेष आयोजन होगा
लोक सभा मे राज्य सभा द्वारा पारित
1-एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल
2-समाचार पत्र पत्रिकाएं संबंधित RNI का बिल रखे जाएंगे।
राज्य सभा
1पोस्ट आफिस से संबंधित बिल
2मुख्य चुनाव आयुक्त एवम चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एवम सेवा शर्तों से संबंधित बिल रखे जाएंगे।
आगे आगे देखिए होता है क्या मोदी जी के विशेष सत्र आहूत करने से सम्पूर्ण विपक्ष तिलमिलाया हुवा है और गहन चिंतन में है कि PM मोदी ने आखिर विशेष सत्र क्यो बुलाया इसका मकसद तलाशने में पूरा विपक्ष जुट चुका है ।
Author: Public bolegi News Network
PK Rathi-Journalist