आज सोमवार 4 मार्च का दिन भारतीय लोकतंत्र में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 न्यायाधीशों के पीठ ने 1998 के 5 जजों की बेंच द्वारा विधान सभा और संसद के अंदर किये गए भ्रस्टाचार को संरक्षण देने वाला था )को आज पलट दिया।
पी एम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को महान फैसला बताया है।
अब तक होता यह आया था कि सांसद संसद में और विधायक विधान सभा मे भ्रष्ट आचरण के जरिये वोट लेता भाषण देता किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पंहुचाने का विशेष कार्य करता था उस पर न्यायालय कोई कार्यवाही नही करता था क्योंकि वह संसद या विधान सभा मे किया गया था।
इस फैसले से देश के 95 बड़े नेता आने वाले समय मे प्रभावित होकर जेल की सलाखों के पीछे जा सकते है।
Author: Public bolegi News Network
PK Rathi-Journalist
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