केकडी 6 नवंबर (पब्लिक बोलेगी न्यूज़ नेटवर्क)*
*सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केकड़ी जिला फिर वापस अजमेर जिले की गोद में बैठने के लिए तैयार है। इसका सीधा मतलब है कि केकड़ी के वासियों को फिर से ‘जिला बनने’ का सपना देखने के लिए कम से कम 20 साल का समय लग जाएगा।*
*जिले को लेकर हाल ही में कुछ घटनाक्रम सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से पुलिस बल को हटाने और विभिन्न प्रकोष्ठों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।*
*इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक IPS वंदिता राणा से संपर्क कर वस्तु स्थिति की जानकारी का प्रयास किया परंतु उन्होंने call उठाने की जहमत नही उठाई।*
*सोसियल मीडिया पर चल रही उपर्युक्त खबरों का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचंद्र सिंह ने खंडन करते हुए बताया कि ऐसा कुछ भी नही केवल त्योहारों के मध्य नजर मंगवाए गए अतिरिक्त जाप्ते को रवानगी दी गई है।जब तक जिला है तब तक जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के विभिन्न प्रकोष्ठ निर्बाध रूप से कार्य करते रहेंगे।*
*इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने केकड़ी सहित कुछ छोटे जिलों को समाप्त करने का बयान दिया था जिससे स्थानीय जनता में आक्रोश फैल गया था। इसके विरोध में केकड़ी में बंद और धरना प्रदर्शन हुए थे।*
*इस पूरे घटनाक्रम में सबसे दिलचस्प पहलू रहा नेताओं का मौन साधना। राजनीतिक गलियारों में इस चुप्पी के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि नेता खुद भी यही चाहते थे चुप रहने में भलाई है और जिले का तमगा हट जाए ताकि ‘जिला बनने के झंझटों’ से बचा जा सके। आखिर जो काम ठीक से बिना जिले के चल रहा था उसमें जिले की दरकार ही क्या थी। केकड़ी का जिला न बनने से विकास की जो संभावनाएँ थीं वे अब लगभग 20 साल पीछे चली जाएगी। जो सपना हमने अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए देख रखा था, वह धराशाई हो जाएगा*
*प्रशासनिक सुविधाएँ और विकास योजनाएँ अब धीमी गति से आएँगी। स्वास्थ्य, शिक्षा, और बुनियादी ढाँचे में सुधार की प्रक्रिया भी बाधित होगी। रोजगार के अवसर सीमित रहेंगे, जिससे युवाओं को बाहर जाना पड़ेगा। जिला बनने का सपना टूटने से केकड़ी का विकास कम से कम 20 साल पीछे हो जाएगा।*
*प्रोपर्टी कारोबारियों की टूटेगी कमर*
*जिला समाप्त होने पर सबसे ज्यादा प्रभावित प्रॉपर्टी कारोबारी होंगे।इनकी कमर बुरी तरह से टूटेगी और संभवतया इनको अन्य व्यवसाय भी तलाशना पड़ सकता है।*
Author: Public bolegi News Network
PK Rathi-Journalist