केकडी 27 नवंबर (पवन राठी)*
*राजस्थान में शिक्षा विभाग में अधिशेष शिक्षकों का समायोजन होने से पूर्व ही शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के दायरे में आ चुकी है।*
*इस संबंध में राधाकृष्णन शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विजय सोनी ने बताया कि:-*
*विगत काल मे वसुंधरा राजे की भा जपा सरकार में एक बहुत बड़ी विशेष बात थी जो जो कि मील का पत्थर साबित हुई थी वह यह कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के शिक्षा मंत्री काल में शिक्षा विभाग में काउंसलिंग के माध्यम से अधिशेष शिक्षकों का समायोजन, पदोन्नति पर पदस्थापन, अन्य विभाग से आए हुए शिक्षकों को पदस्थापन,नव नियुक्त शिक्षकों को पदस्थापन देने की कार्रवाई प्रारंभ की गई थी।*
*अब पुनः भाजपा सरकार है परंतु अभी हाल ही में अधिशेष समायोजन के जो निर्देश जारी किए गए हैं उनमें 25 नवंबर से लेकर 6 दिसंबर तक का जो टाइम फ्रेम निश्चित किया गया है।*
*इसमें 6 दिसंबर को अधिशेष शिक्षकों के पदस्थापन आदेश जारी करने की बात कही गई है।*
*इस पूरी प्रक्रिया में कहीं पर भी काउंसलिंग व्यवस्था का हवाला नहीं दिया गया है।*
*जो FAQ जारी किया गया है उसके भी प्रश्न संख्या 3 के उत्तर में विभाग ने स्पष्ट लिख दिया है की — “काउंसलिंग नहीं होगी।”*
*इससे यह साबित होता है कि भाजपा सरकार ने अपने ही पिछले शासनकाल में लागू की गई व्यवस्था को नकार दिया है और अब उन्हें पहले की तरह पदस्थापन की सीधी प्रक्रिया अपनाई जाने की ओर विभाग अग्रसर हो रहा है ।*
*काउंसलिंग व्यवस्था से भाई-भतीजावाद ,इंस्पेक्टर राज और अपने मिलने वालों को उपकृत करने की व्यवस्था पर रोक लगी थी।*
*इसकी सर्वत्र प्रशंसा भी हुई थी।*
*काउंसलिंग व्यवस्था न होने से उचित पदस्थापन होने पर प्रश्न चिन्ह रहेगा ।*
*राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के प्रदेश अध्यक्ष विजय सोनी ने इस हेतु स्पष्ट रूप से यह कहा है की*
*अधिशेष शिक्षकों का समायोजन पिछले शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के बने काउंसलिंग नियम के आधार पर किया जाना चाहिए।*
*राधाकृष्णन शिक्षिका सेना की प्रदेश संयोजिका श्रीमती सुनीता भाटी ने कहा कि सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को होती है और अधिशेष की सूची में भी अधिकांश महिला ही है ऐसे में काउंसलिंग व्यवस्था से महिलाओं को उचित स्थान मिल पाता था अगर काउंसलिंग व्यवस्था लागू नहीं की गई तो महिलाओं को दूरस्थ स्थान पर जाना पड़ेगा।ऐसे में काउंसलिंग व्यवस्था लागू की जानी चाहिए जिससे शिक्षिकाओं को विशेष तौर पर सुविधा युक्त उपयुक्त स्थान मिल सके।*
Author: Public bolegi News Network
PK Rathi-Journalist