*भगवान कृष्ण का गुणगान कर प्रकर्ति एवं गौ धन संरक्षण का लिया संकल्प*
*अंगारों की खेली होली*
85 झुलसे-पुलिस रही बेबस*
*केकडी नवम्बर(पवन राठी)*
*पांच दिवसीय दीवाली कार्यक्रमो की श्रृंखला में 31 अक्टूबर एवं 1 नवम्बर को लक्ष्मी पूजन कर लोगो ने माँ लक्ष्मी को रिझाने के सभी यत्न करते हुए सानंद लक्ष्मी पूजन कर माँ लक्ष्मी से धन-वैभव-यश -कीर्ति एवम सर्व समृद्धि की कामना की।*
*इससे पूर्व शहर दीपावली की रोशनी से जगमगा उठा।तीन बत्ती चौराहे नगर परिषद कार्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय एवम आवास को रोशनी एवम फूलों से सजाया गया था।*
*प्रशासन को लोगो ने कोसा*
*लोगो का कहना रहा कि केकडी के इतिहास की इसबार सबसे बेकार दीवाली रही।प्रशासन द्वारा शहर के हृदय स्थल घंटा घर पर भी रोशनी की सजावट नही की गई केवल परिषद कार्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय और आवास को ही सजाकर प्रशासन द्वारा अपने दायित्वों की इतिश्री कर ली गई।होना तो यह चाहिए था कि प्रशासन को शहर के सभी द्वारों पर सजावट कवाकर जिला एवम नगर परिषद बनने की नई मिशाल कायम करनी चाहिए थी जिसमे पूरी तरह से प्रशासन असफल रहा।*
*खतरनाक पटाखे बिना रोक टोक धड़ल्ले से बिके*
*खतरनाक पटाखों की बिक्री पर नकेल कसने के प्रशासनिक दावों की भी कलई खुलकर आमजन के सामने आ गई।सोसियल मीडिया पर खतरनाक पटाखों की धड़ल्ले से बिक्री एवं भंडारण की खबरे आने के बाद भी प्रशासन मूक दर्शक एवम बोना बना नजर आया।पुलिस गाड़ी केवल गश्त करती रही उद्दंडी युवकों को टोकना एवम कार्यवाही करना तक मुनासिब नही समझा गया जिससे उद्दंडियो के हौंसले बुलंद हो गए*
*गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव*
*दो दिवसीय लक्ष्मी पूजन के बाद आज गोवर्धन पूजा का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।इस अवसर पर महिलाओं ने आकर्षक रंगोली व माडने बना गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रारूप बना उसकी पूजा अर्चना कर भगवान कृष्ण का गुणगान किया और प्रकृति व गौ वंश संरक्षण का संकल्प लिया।*
*घरों और मंदिरों में वृहद स्तर पर अन्नकूट महोत्सव आयोजित किये गए।विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बना ठाकुरजी के भोग लगाकर प्रसाद वितरित किये गए।*
*अंगारों की होली*
*दीवाली के अगले दिन अन्नकूट की रात्रि में घास भेरू की सवारी निकाली जाती है ।जिसमे खतरनाक पटाखे एक दूसरे पर फेंके जाकर अंगारों की होली खेली जाती है।*
*यह खतरनाक परंपरा लंबे समय से जारी है।जिसके आगे पुलिस प्रशासन भी अब तक बोना ही नजर आया है।यह नही की पुलिस जाप्ता मुस्तेद नही रहता हो बल्कि पुलिस प्रशासन द्वारा इस खतरनाक परंपरा पर नकेल डालने की हर वर्ष कोशिश की जाती है परंतु तथाकथित शरारती तत्त्वों के आगे हर वर्ष पुलिस प्रशासन की लाचारगी ही नजर आई है।इस बार देखना है कि पुलिस प्रशासन इन रंग में भंग डालने वाले शरारती तत्त्वों से निपटने में बेबस नजर आई !*
*85 से अधिक झुलसे एक को किया अजमेर रेफर*
*सुबह से चली अंगारों की होली रात होते होते परवान चढ़ी ।पटाखों के एक दूसरे पर फेकने के कारण शहर धुंए एवम कोलाहल के आगोश में समा गया।*
*85 से अधिक के झुलस कर अस्पताल पंहुचने की जानकारी मिली है जिनमे से एक कादेड़ा निवासी की हालत गंभीर होने के कारण अजमेर रेफर कर दिया गया है।*
*कानून का ख़ौफ़ एवम अपीलें रही बेअसर*
*एक दूसरे पर फटाखे फेंक कर प्यार स्नेह एवम भाईचारे के इस पावन त्योहार को बदरंग करने वाले उद्दंडी युवकों की शरारतों ने इस त्योहार को बदरंग करने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ी।इनको ना कानून का ख़ौफ़ था ना ही इनपर पुलिस एवम प्रशासन की अपील का कोई असर था।*
*वाहन जले अनेक स्थानों पर आग लगी*
*जलते फटाखे फेंकने के चलते ही एक कार जल कर खाक हो गई एक स्कूटी के भी जलने की खबरे है इसके साथ ही पाल टाकीज के पास -ब्यावर रोड सहित अनेक स्थानों पर आग लगी जिससे काफी नुकसान हुवा।*
अस्पताल में गहमा गहमी
Author: Public bolegi News Network
PK Rathi-Journalist