केकडी 27 सितम्बर(पवन राठी)
“मौत का तूफान” मात्र जीवन को सार्थक करने मात्र को समझता है, मौत को जीतने के लिए कसाय रूपी परिणाम एवं राग द्वेष को छोड़ते हुए आत्मा से परमात्मा बनकर जन्म मरण से छुटकारा पा सकते हैं ।मौत अटल सत्य है,सत्य की कोई भी तारीख नहीं होती है ।जन्म लिया तो मरण भी निश्चित है,सूर्य का अस्त होना पेड़ से पत्ते का टूटना, पानी के बुलबुले का समाप्त होना, मृत्यु बोध का निमित्त है । जीवन एक पानी की बूंद की तरह है जो किसी भी क्षण समाप्त हो सकती है । पानी मुख में चला जाता है तो प्राण मिल जाते हैं यदि पानी सर के ऊपर चले जाता है तो प्राण निकल जाते हैं । जिनेंद्र देव ने मृत्यु को जीता है इसलिए यह मृत्युंजय है ।
इस सत्य को समझना ही सत्यार्थ बोध है ।
बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ जैन मंदिर में सत्यार्थ बोध पावन वर्षा योग के अवसर पर आयोजित धर्म सभा में मुनीबअनुपम सागर महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कहे ।
धर्म सभा में मुनी यतींद्र सागर महाराज ने कहा कि देव पूजन क्रिया मात्र नहीं है, इस चर्या द्वारा करने पर परम आनंद की प्राप्ति होती है । *तीर्थंकरों के दर्शन मात्र से असंख्यात उपवासों के फल की प्राप्ति होती है।
जिनेंद्र देव के चरणों में आकर उनकी वीतराग मुद्रा को देखकर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं ।*
*प्रातः जिनाभिषेक, शांति धारा ,जिनेंद्र अर्चना आदि धार्मिक क्रियाएं मुनि ससंघ के सानिध्य में संपन्न हुई । आचार्य श्री के चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट का सौभाग्य अमरचंद अशोक कुमार अनिल कुमार अंकुर चोरुका एवं पवन कुमार पारस कुमार नीरज जैन मोबाइल परिवार ने प्राप्त किया ।
धर्म सभा का संचालन अशोक सिंघल ने किया।*
Author: Public bolegi News Network
PK Rathi-Journalist